Wednesday, April 29, 2015

Our Old technology

#NepalEarthquake #Uttarakhand #OldTechnology vs #MacaulaySystem

नेपाल में आये त्रासदी से मैं काफी आहत हूँ। मैं प्रार्थना करता हूँ कि इस त्रासदी में मारे गए सभी लोगों के आत्मा को भगवान शांति दें। और वहां जल्द ही जन जीवन सामान्य हो।
परंतु सोचने की बात यह है कि चाहे उत्तराखंड का बाढ़ हो या नेपाल का भूकम्प, दोनों त्रासदी में भगवान भोलेनाथ के मंदिर को कुछ न हुआ। कुछ लोग इसे भगवान भोलेनाथ की कृपा कहेंगें और मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं, अंततः कुछ तो बचा इस भीषण त्रासदी में।
परन्तु एक सिविल इंजीनिअर के तौर पर मैं यह कहना चाहूँगा कि ये सभी उदाहरण भारतवर्ष के तकनीकी शिक्षा और शिल्पकला के अदभुत उदहारण हैं। हमें प्राचीन भारतवर्ष के ज्ञान विज्ञान पर गर्व होना चाहिए। अगर हम गुलाम न हुए होते तो आज हम विश्व में प्रथम स्थान पर होते।
अतः हमें अपने भारतवर्ष के शिक्षा प्रणाली पर ध्यान देना चाहिए। वर्तमान शिक्षा प्रणाली को बदल कर हमें अपने शिक्षा प्रणाली से अध्ययन करने की आवश्यकता है। हमारे वेदों तथा ग्रंथो में अपार ज्ञान का भण्डार है, बस आवश्यकता है उस ज्ञान को पुनर्जीवित करने की।
हमारे इतिहास में अनेकों उदहारण हैं, जिससे हम कह सकते है कि अगर हम मैकाले शिक्षा प्रणाली से आज़ाद होकर अपने शिक्षा प्रणाली से अध्ययन करना प्रारम्भ करे तो फिर से हम बहुत तेजी से विश्व गुरु बन सकते है चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो, कला, विज्ञान, अध्यात्म आदि।
बस जरुरत इस बात की है कि हमें कुछ कुरीतियों और अंधविश्वासों को मिटा कर अपनी प्राचीन प्रणाली को लागू करना होगा।

जय हिन्द!!!

रवि प्रकाश गुप्ता

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