किसी भी प्रतियोगी परीक्षा का यदि पाठ्यक्रम देखा जाये तो सब जगह अंग्रेजी भाषा सबसे अधिक महत्वपूर्ण प्रतीत होता हैं और सफल होने के लिए निर्णायक भी साबित होता है।
मुझे समझ में नहीं आता है कि इसे हम अपनी भाषा के महत्व को खो देने का दुर्भाग्य समझे या विदेशी भाषा के अध्ययन का सौभाग्य!
कृपया अपने विचार व्यक्त करें।
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