Monday, April 13, 2015

जन्मदिन

#जन्मदिन
जब हम किसी महापुरुष का जन्मदिन मनाते है तो हम उसके सिद्धान्तों, उपलब्धियों आदि का स्मरण करते है।
हम भी उसी सिद्धान्तों का अनुसरण करने का प्रयास करते है। तो मेरा मानना यह है कि क्यों न हम अपने जन्मदिन पर भी अपने लक्ष्यों, सिद्धान्तो का स्मरण करे और उसे पूर्ण करने का प्रयत्न करे। जन्मदिन मनाना बहुत जरूरी है। इसी बहाने अपने संबंधियों से मिलने उन्हें आमंत्रित करने का अवसर मिलता है। और युवा लोगो को तो मित्रो के जन्मदिन का बहुत प्रतीक्षा  रहता है। और हो भी क्यों ना क्यों कि जन्मदिन मनाने का अलग रिवाज ही जो है। बहुत से लोग अलग अलग तरीको से आनंद लेते है जन्मदिन का। ये तो बात हुई भौतिक आनंद का, परंतु जरा सोचिये कि क्या यह वास्तविक आनंद है। वास्तविक आनंद तो इसमें है कि भौतिक आनंद के साथ साथ अपने सिद्धान्तों, लक्ष्य ऐवम कर्तव्यों का भी स्मरण किया जाये। इस बात का विश्लेषण किया जाये कि हम अपने लक्ष्यों को कैसे प्राप्त करे, समाज के प्रति हमारा क्या कर्तव्य है, देश के प्रति हमारा क्या कर्तव्य है, परिवार के प्रति हमारी क्या जिम्मेदारी व क्या कर्तव्य ...आदि। अगर हम अपनी लक्ष्य को नही प्राप्त कर पा रहे है तो कहाँ हमारे अन्दर कमी है। उस कमी को दूर करने का प्रयास करे। मतलब सार यह है कि जन्मदिन को एक नया वर्ष मान कर मनाया जाये। इसदिन को एक गजब के आत्मविश्वास के साथ मनाया जाना चाहिए। पूर्णतया धनात्मक ऊर्जा के साथ नए पथ  का निर्माण करना चाहिए। तभी हम जन्मदिन का वास्तविक आनन्द ले सकते है।

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