Wednesday, April 22, 2015

#Secular India

7_#धर्म निरपेक्ष भारत
कुछ लोगो, राजनैतिक दलों तथा कुछ नेताओं को यह बात अच्छी नही लगती, अगर इंडिया को  कोई हिन्दुस्तान कह दे। उन्हें हिन्दुस्तान शब्द से आपत्ति होती है क्योंकि हिन्दुस्तान शब्द से हिन्दू का बोध होता है। फिर वो सेकुलरिज्म का डंका बजा कर इस बात का विरोध करते हैं।
तो क्या हम अपने भारतीय संस्कृति, भारतीय सभ्यता, लोक संगीत, भारतीय कला, योग, आयुर्वेद, लोक नृत्य,परम्परागत भोज... आदि सब भूल जाये, क्योंकि हिन्दू धर्म का बोध तो उसमे भी होता है। हमारा राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह एवम् उसके नीचे लिखा हुआ "सत्यमेव जयते" आदि सब हटा दिया जाये क्योकि हिन्दू धर्म का बोध तो उससे भी होता है।
क्या हम अपने भारत के वीर बलिदानियों, विद्वान और विदुषियों,महापुरुषों, ऋषिओं आदि को भुला दे क्योकि उनमे से अधिकतम लोग तो हिन्दू ही है।
फिर तो हमें नदियों तथा अन्य प्राकृतिक सम्पदाओं का नाम भी बदल देना चाहिये क्योंकि इनसे भी हिन्दू धर्म का बोध होता हैं। साथ ही साथ हिन्द महासागर का नाम भी बदल दिया जाना चाहिए क्योंकि यह नाम भी हिन्दुस्तान से ही प्रेरित है।

और जो भी लोग धर्मनिरपेक्षता का स्वांग रचते है वो सभी लोग माननीय उच्चतम न्यायालय का भी अपमान करते है क्योंकि माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी कहा है कि हिन्दू केवल एक धर्म ही नहीं बल्कि एक संस्कृति एवम् जीवन पद्धति है।

अरे छिछोरों कब तक धर्मनिरपेक्षता के नाम पर देश में धर्मवाद, जातिवाद का जहर घोलोगे???
जरा अपनी करनी से बाज आओ।

जय हिन्द!!!

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