Saturday, July 9, 2016

विश्वविद्यालयों से प्राप्त डिग्रियाँ तो रोजगार पाने में मनुष्य को सक्षम बना देती हैं परन्तु मनुष्य के अंदर मानवीय गुणों का विकास नहीं हो पाता है। शिक्षा का मूल उद्देश्य मानवीय गुणों का विकास भी होना चाहिए केवल रोजगार के लिए डिग्री ही नहीं। बिना मानवता के मनुष्य का समग्र विकास उसके लिए अभिशाप बन जायेगा। और यदि सभी के अंदर मानवता और नैतिकता हो तो समाज में न कोई पाप होगा और न कोई दुःख।

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